वैक्सीन के ट्रायल में कम से कम एक साल का समय लगेगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) के वैक्सीन (Vaccine) को लेकर दिए बयान ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है. उन्होंने कहा है कि 2022 से पहले पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का मिल पाना मुश्किल है.
- News18Hindi
- Last Updated:
September 18, 2020, 10:11 AM IST
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2021 तक दो अरब खुराक का लक्ष्य
वैज्ञानिक ने कहा कि अगले साल की शुरुआत में दुनिया को वैक्सीन नहीं मिल पाएगी. इसकी वजह यह है कि 2021 की शुरुआत में वैक्सीन के प्रभावी नतीजों को देखने की शुरुआत होगी और इसके बाद ही इसके वितरण के बारे में कोई निर्णय लिया जा सकेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने यह उम्मीद जरूर जताई कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोवाक्स प्लान के अंतर्गत अलग-अलग देशों में लोगों तक समान रूप से वैक्सीन पहुंचाने का काम किया जाएगा. हालांकि इसके लिए अगले साल के मध्य तक वैक्सीन बड़ी मात्रा में तैयार करनी होगी, ताकि करोड़ों लोगों तक यह खुराक पहुंचाई जा सके. इसके तहत 2021 के अंत तक वैक्सीन की दो अरब खुराक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा जाएगा.वैक्सीन 50 फीसदी भी असरदार नहीं
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही यह साफ कर चुका है कि उसके मानदंडों के मुताबिक क्लिनिकल परीक्षण के एडवांस स्टेज पर पहुंची कोई भी वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ 50 फीसदी भी असरदार नहीं है. वहीं संगठन के प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस के मुताबिक फिलहाल अभी तक एक भी वैक्सीन ऐसी नहीं है, जो प्रभावी हो.
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गाइडलाइन जारी की जाएगी
उनका कहना है कि इन वैक्सीन के ट्रायल में कम से कम एक साल का समय लग जाएगा, क्योंकि इस दौरान वैक्सीन के लोगों पर प्रभाव और इसके दुष्प्रभावों को देखा जाएगा. ताकि लोगों तक सही वैक्सीन पहुंचे, जो उनका महामारी से बचाव कर सके. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जल्द ही वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी.