यूके में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पाए जाने से भारत समेत दुनिया के कई देशों ने यूके से आने वाली फ्लाइट पर पाबंदी लगाई है। भारतीय लोगों के मन में भी कहीं न कहीं ये सवाल है कि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन कितना खतरनाक है। यूके में अधिकारियों ने बताया है कि वायरस का नया स्ट्रेन अन्य के मुकाबले 70 फीसदी अधिक संक्रमण को फैलाता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज बताया कि फिलहाल भारत में लोगों को कोरोना के इस नए स्ट्रेन को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। हर्षवर्धन ने कहा कि हम हर तरीके से सतर्क हैं। देश के लोगों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। जानकारों का मानना है कि वायरस में बदलाव कोई नई बात नहीं हैं। जानकार कहते हैं कि इन्फ्लूएन्जा के मुकाबले कोरोना वायरस कम अपना रूप बदलता है।
यानी ऐसा नहीं है कि कोरोना के नए स्ट्रेन से निजात पाने के लिए हर साल एक नई वैक्सीन की जरूरत होगी। हालांकि वायरस के नए वैरिएंट को लेकर लोगों के पास अधिक जानकारी नहीं है। फिलहाल लोगों को यही सलाह दी जा रही है कि आप वायरस के बारे में अधिक जानकारी आने तक कोरोना को लेकर एहतियात बरतें। मसलन मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना, भीड़भाड़ वाली जगह से दूरी बनाए रखना।
नया स्ट्रेन आखिर मिला कहां: इस साल सितंबर महीने मे यूके में पहली बार ये स्ट्रेन मिला। माना जा रहा है कि ये अब तक का सबसे तेजी से फैलने वाला स्ट्रेन है। अभी तक ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और नीदरलैंड्स ने अपने यहां कोरोना के वैरिएंट के बारे में जानकारी जुटाई है। हाल ही में इटली और दक्षिण अफ्रीका में यूके में पाए जाने वाले इस नए स्ट्रेन से जुड़े मामले सामने आए थे।
क्या इस नए स्ट्रेन के खिलाफ वैक्सीन होंगी कारगर: विशेषज्ञाों का कहना है कि फिलहाल ये बात सामने नहीं आई है कि पिफिजर या मॉडर्ना वैक्सीन नए स्ट्रेन पर बेअसर हैं। फिलहाल ऐसा कोई वजह सामने नहीं आई है कि जो बताए कि विकसित किए गए टीके इस वायरस के खिलाफ असरदार नहीं होंगे।
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