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श्रीनगर6 मिनट पहलेलेखक: जफर इकबाल
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श्रीनगर के बाहरी इलाके फकीर गुजरी में वोट डालने के बाद 95 साल के लेथा कोहली।
कड़ी सुरक्षा और कड़ाके की ठंड के बीच जम्मू-कश्मीर में डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल (DDC) के चुनावों के लिए पहले फेज की वोटिंग शनिवार को हुई। कुछ जगहों पर वोटिंग की रफ्तार धीमी रही, लेकिन दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के करेरवा जैसे इलाकों में वोट डालने के लिए पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी काफी उत्साह देखा गया। दूसरी तरफ अगले फेज में चुनाव लड़ने वाले कुछ गैर भाजपा कैंडिडेट आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें बंधकों की तरह रखा जा रहा है और प्रचार नहीं करने दिया जा रहा।
DDC की 43 सीटों के लिए वोटिंग, पहली बार 1.5 लाख पाक रिफ्यूजी भी मतदान कर रहे
पहले फेज की वोटिंग में करेरवा के एक वोटर ने कहा कि यह दूरदराज का इलाका है। हम अपने इलाके के विकास के लिए वोट डालने आए हैं। दूसरे वोटर ने कहा अब तक हमसे सिर्फ वादे किए जाते थे, लेकिन इस बार हम जमीनी स्तर पर विकास के लिए वोट डाल रहे हैं। पहली बार वोट डाल रहे शौकत अहमद ने कहा कि हमारी पहचान का सवाल है, इसलिए मैं सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ वोट डालूंगा।

पोलिंग बूथ के बाहर वोटर्स की लाइन।
DDC के चुनाव 8 फेज में होने हैं। 40 प्रत्याशियों को सिक्योरिटी के नाम पर श्रीनगर के सरहदी इलाके में स्थित एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (EDI) कॉम्प्लेक्स में रखा गया है। गुपकार डिक्लेरेशन गठबंधन के प्रत्याशियों उनका आरोप है कि उन्हें प्रचार करने और वोटर्स से मिलने के लिए बिल्डिंग से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा।
कैंडिडेट का आरोप- जानवरों जैसा सलूक किया जा रहा
पुलवामा के लितर इलाके में 10 दिसंबर को वोटिंग होनी है। यहां से चुनाव लड़ रहे जावेद निरोला को भी EDI कॉम्प्लेक्स में रखा गया है। जावेद ने कहा, ‘मुझे यहां जबरन रखा गया है। अपने इलाके के लोगों से मिलने से रोका जा रहा है। गुरुवार से यहां बंधकों की तरह रह रहे हैं। मैंने कहा था कि मैं अपने परिवार से अलग नहीं रहना चाहता, मुझे सुरक्षा की कोई दिक्कत नहीं है। मेरे विपक्षी प्रचार कर रहे हैं और लोगों से मिल रहे हैं, लेकिन मुझे इजाजत नहीं दी जा रही। हमसे जानवरों जैसे सलूक किया जा रहा है।’
भाजपा कैंडिडेट का दावा- पूरी आजादी है
दूसरी तरफ भाजपा के कैंडिडेट ऐसी कोई शिकायत नहीं कर रहे। इमाम साहेब इलाके से भाजपा के टिकट पर लड़ रहे अवतार कृष्ण पंडित का कहना है कि प्रत्याशियों को प्रचार के लिए जाने की पूरी आजादी है। धारा 370 हटना इस चुनाव में प्रमुख मुद्दा नहीं, बल्कि विकास और बेरोजगारी खत्म करना प्रमुख मुद्दे हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी का आरोप- प्रचार की परमिशन नहीं दी जा रही
दूसरी तरफ लितर से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मोहम्मद मीर का कहना है कि उन्होंने अपने इलाके में जाकर प्रचार करने के लिए पुलिस से परमिशन मांगी थी, लेकिन नहीं दी गई। मीर का कहना है कि सुरक्षा का हवाला देकर उन्हें रोक दिया गया, जबकि भाजपा प्रत्याशी को प्रचार की छूट दे दी गई। इससे लगता है कि पाबंदियां सिर्फ कुछ लोगों के लिए ही हैं। मुझे होटल में रखा गया था, लेकिन अब EDI कॉम्प्लेक्स में जाने के लिए कहा जा रहा, जबकि मैं वहां नहीं जाना चाहता।
पहली बार प्रदेश की 6 पार्टियां एक साथ
जम्मू कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार है, जब राज्य की 6 प्रमुख पार्टियां एकसाथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं। आर्टिकल 370 हटने के बाद इन पार्टियों ने मिलकर गुपकार अलायंस बनाया है। इनमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली PDP के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की स्थानीय इकाई शामिल है। इनके सामने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं। मौजूदा राजनीतिक समीकरण के अनुसार गुपकार अलायंस कश्मीर में मजबूत है, जबकि भाजपा की स्थिति जम्मू में काफी मजबूत है।
8 फेज में कब-कब पड़ेंगे वोट?
पहला फेज : 28 नवंबर (खत्म)
दूसरा फेज : 1 दिसंबर
तीसरा फेज : 4 दिसंबर
चौथा फेज : 7 दिसंबर
पांचवां फेज : 10 दिसंबर
छठा फेज : 13 दिसंबर
सातवां फेज : 16 दिसंबर
आठवां फेज : 19 दिसंबर