चीन में सामानों की पैकेजिंग पर मिला सक्रिय कोरोना वायरस.
Coronavirus found on packaging samples: चीन में ऑटो पार्ट्स की पैकेजिंग पर जांच के दौरान सक्रिय कोरोना वायरस पाया गया है. कोरोना वायरस मिलने के बाद सभी कर्मचारियों को क्वारंटीन कर दिया गया है. उधर अमेरिका में बीते 24 घंटों में संक्रमण के करीब 3 लाख नए केस सामने आए हैं.
न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के इन ऑटो पार्ट्स की पैकेजिंग पर वायरस का पता लगने के बाद सामान के संपर्क में आने वाले वर्कर्स को क्वारंटीन कर दिया गया. हालांकि सभी की रिपोर्ट नेगेटिव बतायी जा रही है लेकिन वायरस मिलने वाले सभी सामान को सील कर दिया गया है. इसके कोविड-19 प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के सिटी हेडक्वार्टर से बताया गया है कि इनर मंगोलिया की राजधानी होहोट के एक स्टोर में ऑटो पार्ट्स की पैकेजिंग के पांच सैंपल पर वायरस की पुष्टि हुई थी. सेंटर की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी के ऑटो पार्ट्स के तीन बैच हैं. इनमें से एक को तीन स्टोर पर डिस्ट्रीब्यूट किया गया था. यहां एक पर वायरस मिला है, तीनों स्टोर को बंद कर दिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, पैकेजिंग से लिए गए तीन और पॉजिटिव सैंपल हेबेई राज्य के कंगझू, शेडोंग में यानताई और लिन्यी शहर में पाए गए. बीजिंग की ऑटो पार्ट्स बेचने वाली कंपनी में एक वर्कर के पॉजिटिव मिलने के बाद कई शहरों में सामान और वर्कर्स का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किया गया था.
बेजान सतहों पर कब तक जिंदा रहता है कोरोना?
अभी तक साफ़ तौर पर ये भी पता नहीं चल पाया है कि कोविड-19 का वायरस इंसान के शरीर के बाहर कितनी देर ज़िंदा रहता है. कोरोना परिवार के अन्य वायरस जैसे सार्स (SARS) और मर्स (MERS) के वायरस मेटल, शीशा और प्लास्टिक पर 9 दिन तक ज़िंदा रहते हैं. जर्नल ऑफ हॉस्पिटल इंफेक्शन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, कोरोना वायरस किसी सतह पर पांच दिनों तक जिंदा रह सकता है और 10 घंटे के भीतर बड़े क्षेत्र में अपना प्रसार कर सकता है. बशर्ते कि संक्रमित जगह को साफ़ ना किया जाए. कम तापमान में तो कई वायरस 28 दिन से ज़्यादा तक ज़िंदा रह सकते हैं.SARS-CoV-2 किसी चीज़ की सतह पर कितनी देर ज़िंदा रह सकता है, इस पर अभी रिसर्च जारी है. और इस दिशा में अमरीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ (NIH) की रिसर्चर नीलजे वान डोरमलेन और उनके साथी पहला टेस्ट कर भी चुके हैं. इनकी रिसर्च के मुताबिक़ कोविड-19 वायरस खांसने के बाद हवा में तीन घंटे तक ज़िंदा रह सकता है. जबकि खांसने पर मुंह से निकले 1 से 5 माइक्रोमीटर साइज़ के ड्रॉपलेट हवा में कई घंटों तक ज़िंदा रह सकते हैं. NIH की रिसर्च के मुताबिक़ SARS-CoV-2 वायरस, गत्ते पर 24 घंटे तक ज़िंदा रहता है. जबकि प्लास्टिक और स्टील की सतह पर 2 से 3 दिन तक जिंदा रहता है.
रिसर्च में कई तरह के निष्कर्ष
रिसर्च तो ये भी कहती हैं कि ये वायरस प्लास्टिक या लेमिनेटेड हैंडल या किसी सख्त सतह पर ज़्यादा देर तक रह सकता है. जबकि तांबे की सतह पर ये वायरस चार घंटे में मर सकता है. रिसर्च ये भी कहती हैं कि 62-71 फ़ीसद अल्कोहल वाले सैनिटाइज़र से कोरोना के वायरस को मिनट भर में निष्क्रिय किया जा सकता है. इसके लिए 0.5 फ़ीसद हाइड्रोजन परॉक्साइड ब्लीच या 0.1 फ़ीसद सोडिम हाइपोक्लोराइट वाली घरेलू ब्लीच भी इस काम के लिए इस्तेमाल की जा सकती है. इसके अलावा नमी और तेज़ तापमान भी इसे ख़त्म करने में सहायक हो सकते हैं. कुछ रिसर्च तो किसी भी सतह को कीटाणुरहित बनाने के लिए पराबैंगनी रोशनी का इस्तेमाल करने को भी कहती हैं लेकिन ये मानव की त्वचा के लिए घातक हैं. कपड़ों की सतह तुरंत कीटाणुरहित बनाना थोड़ा मुश्किल है. वैसे अभी ये पता भी नहीं है कि कपड़ों पर ये वायरस कितनी देर ज़िंदा रहता है.
दुनिया भर में तबाही मचा रहा कोरोना
दुनिया में अब तक कोरोना के 8 करोड़ 54 लाख 98 हजार 595 मामले सामने आ चुके हैं. कुल 18 लाख 50 हजार 605 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 6 करोड़ 4 लाख 51 हजार 984 लोग ठीक हो चुके हैं. इस बीच, ब्रिटेन में लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और कड़े प्रतिबंध लगाने की अपील की है. बीते 24 घंटे में 54 हजार 990 केस आए हैं. उधर जापान में टोक्यो और 3 अन्य शहरों में स्टेट इमरजेंसी लगाने की प्लानिंग चल रही है. गुरुवार को टोक्यो में 1337 मामले सामने आए थे. महामारी की शुरुआत से टोक्यो में पहली बार संक्रमितों का आंकड़ा 1000 पार गया है.