शहीद अनिल तोमर का फाइल फोटो.
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के शोपियां में आंतकियों (Terrorists) से लोहा लेते वक्त मेरठ (Meerut) के जवान अनिल तोमर ने शहादत दी है. शहीद का शव कल मेरठ पहुंचेगा, जहां राजकीय सम्मान (State Honor) के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 29, 2020, 12:26 AM IST
मेरठ के मुण्डली गांव सिसौली के रहने वाले चालीस साल के अनिल कुमार तोमर के पिता भोपाल तोमर ने बताया कि दो दिन पहले शोपियां में आतंकियों से मुठभेड़ में वो घायल हो गए थे. उन्हें श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, 28 दिसम्बर को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. आज 29 दिसंबर को उनका पार्थिक शरीर उनके गांव आएगा और उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
अनिल का पार्थिव शरीर श्रीनगर से गांव में लाया जा रहा है. आज शाम तक शव गांव में पहुंचने की संभावना है. अनिल तोमर भारतीय थलसेना की 44 वीं राष्ट्रीय राइफल्स में बतौर घातक प्लाटून हवलदार के पद पर तैनात थे. अनिल तोमर की मूल यूनिट 23 राजपूत थी और अभी 44 वीं राष्ट्रीय राइफल्स में तैनाती के दौरान अनिल तोमर कमान अधिकारी की क्यूआरटी के कमांडर के तौर पर कार्यरत थे.
योगी सरकार का IAS अफसरों को टूर पैकेज, दो रात और तीन दिन गांव में बिताकर लेंगे जनता का हालइस मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया था. आतंकियों के कनीगाम में छिपे होने की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से तलाशी अभियान चलाया था. इस दौरान आतंकियों ने छिपकर सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी थी. काफी देर चली मुठभेड़ में दो आतंकी तो मारे गए थे, लेकिन इस अभियान के दौरान तोमर बुरी तरह जख्मी हो गए थे.
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के कनीगाम गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिलने पर एक कार्डन एंड सर्च आपरेशन चलाया गया था. इसी बीच आतंकवादियों और सैनिकों की मुठभेड़ के दौरान हवलदार अनिल कुमार बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. तुरंत उनको हेलीकाप्टर से श्रीनगर स्थित 92 बेस अस्पताल भेजा गया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली. शहीद का पार्थिव शरीर आज मेरठ पहुंचेगा जहां पूरे राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार होगा.