भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया.
2022 में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले भाजपा मार्च-अप्रैल में होने जा रहे पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की तैयारी पार्टी बड़े स्तर पर कर रही है. मंगलवार को भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह (Radhamohan Singh) ने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया.
राधामोहन ने जीत का टिप्स देते हुए कहा कि नेतृत्व करने वाले को समन्वयकारी होना जरूरी है. समन्वय रखकर चलने वाला व्यक्ति हर क्षेत्र में सफल होता है. पंचायत चुनाव में भी सफलता के लिए समन्वय बनाकर काम करें. अपने क्षेत्र में सामाजिक समीकरण का ध्यान रखें. पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में अपने क्षेत्र को मजबूत बनाए और खुद का कद भी बढ़ाए. केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए कार्य को जनता के बीच रखे. 13वें वित्त आयोग तक पंचायत और स्थानीय निकायों को कम पैसा मिलता था, मोदी की सरकार में यह धनराशि पांच गुना बढ़ गई है.
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भाजपा प्रदेश प्रभारी ने कार्यकर्ताओं को दिया टिप्सभाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने कहा कि गांवो के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार काफी धन दे रही है. इस धन का सदुपयोग हो, इसके लिए कुशल नेतृत्व पंचायत में चाहिए. पदरदर्शिता के साथ कुशल नेतृत्व भाजपा और उसके कार्यकर्ता ही दे सकते हैं. इसलिए पंचायत चुनाव हमारे लिए अहम है. किसान सम्मान निधि की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि इस फैसले में मै बतौर कृषि मंत्री शामिल था. सम्बन्धित अफसरों द्वारा अड़चन डालने पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश के संसाधन पर पहला हक किसानों का है. जबकि प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने देश संसाधन पर पहला हक एक समुदाय विशेष का बताया था.
राधा मोहन सिंह ने कहा कि किसान सम्मान निधि कमजोर किसानों के लिए हितकारी है. आजादी के बाद गांव और गरीब की चिंता करने वाले राजेन्द्र प्रसाद और सरदार वल्लभ भाई पटेल थे तो बाद में लालबहादुर शास्त्री थे जिनको गांव और किसान की समझ थी. इसके बाद अटल विहारी वाजपेयी ने गांव और किसानों के लिए काम किया. राधा मोहन ने कहा कि राजेंद्र बाबू, सरदार पटेल, शास्त्री और अटल जी के सपनों को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में साकार कर रहे है. उन्होंने घरों में शौचालय बनवाया, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीणों को मिल रहा है. घर घर में बिजली लगी है. अब हर खेत तक बिजली और पानी पहुंचाने का अगले पांच साल में लक्ष्य है.