सांकेतिक तस्वीर (फोटो: News18 Gujrati)
मामले की गंभीरता और ग्रेस की इस शिकायत को देखते हुए कंपनी ने जांच करने का फैसला किया था. फिलहाल कंपनी ने ऐसे टिफिन तैयार करने शुरू कर दिए हैं, जो वॉटर टाइट हो, ताकि अंदर पानी न जा पाए.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 29, 2020, 12:28 PM IST
ऐसी ही कहानी एक महिला ग्रेस बेलेन की है. वह भी दूसरी मांओं की तरह सुबह उठकर ध्यान से अपने बच्चों का टिफिन तैयार करती है, लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने जब ध्यान से टिफिन की हालत देखी, तो उनकी हालत खराब हो गई. दरअसल, ग्रेस ने बताया कि उन्होंने कुछ दिनों पहले बाजार से दो टिफिन खरीदे थे. यह टिफिन हरे और नीले रंग के थे. वह इन्हीं प्लास्टिक के लंचबॉक्स में अपने बच्चों को खाना रखकर देती थी.
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जब कुछ दिनों पहले उन्होंने टिफिन की हालत पर गौर किया, तो उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ. टिफिन में भारी मात्रा में फफूंद (Fungus in Tiffin) जमी हुई थी. ग्रेस ने इस बात की जानकारी एक सोशल मीडिया (Social Media) पोस्ट के जरिए दी थी. उन्होंने टिफिन की इस हालत के कुछ फोटो भी शेयर किए थे. उन्होंने पेरेंट्स से पोस्ट के जरिए अपील भी की थी कि अपने बच्चों को ऐसे टिफिन में खाना न दें, जिसमें सफाई करने में परेशानी होती है.
टिफिन की इस हालत को देखते हुए उन्होंने कंपनी से बात की, तो उन्हें जानकारी दी गई कि एक टिफिन 9, तो दूसरा 12 महीने पुराना है. मामले की गंभीरता और ग्रेस की इस शिकायत को देखते हुए कंपनी ने जांच करने का फैसला किया था. फिलहाल कंपनी ने ऐसे टिफिन तैयार करने शुरू कर दिए हैं, जो वॉटर टाइट हो, ताकि अंदर पानी न जा पाए.