सीखें योग एक्सपर्ट सविता यादव से
योग करने से न केवल मनुष्य स्वस्थ (Healthy) रह सकता है बल्कि उसे हर प्रकार के तनाव (Stress) से भी मुक्ति मिलती है. योग सांसों और मन पर नियंत्रण पाने की क्रिया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 26, 2020, 11:01 AM IST
मार्जारी आसन: मार्जरी आसन एक आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला योग आसन है. कैट वॉक दुनिया भर में प्रसिद्ध है, लेकिन हम योग आसन वर्ग में कैट पोज के बारे में चर्चा करते हैं. यह आसन आपके शरीर के लिए अनके प्रकार से लाभदायक है. यह आसन रीढ़ की हड्डी को एक अच्छा खिंचाव देता है. इसके साथ यह पीठ दर्द और गर्दन दर्द में राहत दिलाता है.
प्राणासन: प्राणासन के लिए मैट पर जमीन पर बैठ जाएं और दायें पांव को बायीं जांघ के ऊपर रखें और बाएं पांव को घुटने से मोढ़कर खड़ा करें. फिर दाएं पैर को घुटने के ऊपर टेकें.
फिर हाथ को, बाएं घुटने के नीचे निकलकर हथेली की जमीन पर टिका लें. शुरुआत में इसे 5-6 सेकंड करें और 2-3 बार करें. फिर समय हर सप्ताह 1-2 सेकंड बढ़ाएं. इससे बाजू मजबूत होते हैं, शरीर सुडौल और सुपुष्ट बनता है. जांघों, घुटनों और पिण्डलियों की मांसपेशियों में मजबूती आती है. प्राण में वृद्धि होती है.
पादहस्तासन के हैं कई लाभ:
पादहस्तासन से शरीर को कई फायदे होते हैं. इससे निरंतर करने से शरीर का बैलेंस, पॉश्चर और फ्लेक्सिब्लिटी बनी रहती है. पादहस्तासन करने के लिए सीधा करते हुए खड़े हो जाएं. इसके बाद अपने दोनों हाथों को शरीर के पीछे की ओर ले जाएं. अब फिर वापस अपने हाथों को आगे की ओर लाएं. अब धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकें. मगर ध्यान रहे आपके पांव सीधे रहने चाहिए. झुकने के दौरान अपने दोनों हाथों से पैर की उंगलियों को पकड़ने के साथ घुटनों को पकड़ें. इसके बाद धीरे-धीरे उठें और गहरी, लंबी सांस लें.
पादहस्तासन करने के फायदे
इसके निरंतर अभ्यास से पेट फूलने की शिकायत दूर होती है.
कब्ज दूर होता है और पाचन बेहतर रहता है.
इस योगाभ्यास से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है
ये एकाग्र क्षमता को बढ़ाता है.
बटरफ्लाई आसन:
बटरफ्लाई आसन को तितली आसन भी कहते हैं. महिलाओं के लिए ये आसन विशेष रूप से लाभकारी है. बटरफ्लाई आसन करने के लिए पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं,रीढ़ की हड्डी सीधी रखें. घुटनो को मोड़ें और दोनों पैरों को श्रोणि की ओर लाएं. दोनों हाथों से अपने दोनों पांव को कस कर पकड़ लें. सहारे के लिए अपने हाथों को पांव के नीचे रख सकते हैं. एड़ी को जननांगों के जितना करीब हो सके लाने का प्रयास करें. लंबी,गहरी सांस लें, सांस छोड़ते हुए घटनों एवं जांघो को जमीन की तरफ दबाव डालें. तितली के पंखों की तरह दोनों पैरों को ऊपर नीचे हिलाना शुरू करें. धीरे धीरे तेज करें. सांसें लें और सांसे छोड़ें. शुरुआत में इसे जितना हो सके उतना ही करें. धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं.