पाकिस्तानी क्रिकेट टीम (फ़ाइल फोटो)
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कहा कि उन्हें क्रिकेट को सुधारने के लिए भारत से सीख लेनी चाहिए
उन्होंने कहा कि वकार युनूस अक्सर अपना काम बदलते रहते हैं. उन्हें पहली बार ही आखिर क्यों कोच लगाया गया. कोचिंग एक पेशा है, जिसमें आपको कम उम्र से ही खिलाड़ियों के साथ काम करना पड़ता है. आपको कोचिंग कोर्स करने पड़ते हैं. आपको चुनना पड़ता है कि आपका पेशा क्या है. वकार असल में कमेंटेटर हैं. जहां जगह मिली, वो वहां कोचिंग में आ जाते हैं. फिर कोचिंग छोड़कर टीवी पर बैठ जाते हैं .
क्रिकेट खेलना और कोचिंग देना एक प्रक्रिया
जावेद ने कहा कि इसी तरह से जिसने भी मिस्बाह को कोच चुना, उनसे पूछा जाए कि कोच का कोई तो क्राइटेरिया होगा. पूरी दुनिया में वह नौकरी लेकर दिखाएं. स्कूल में नौकरी तक नहीं मिलेगी, क्योंकि क्रिकेट खेलना और कोचिंग देना एक प्रक्रिया का नाम है. उन्होंने कभी काम ही नहीं किया. जब भी वो दौरे पर जाते हैं. दौरा खत्म होते ही वो अपने घर सिडनी चले जाते हैं. जब तक आप पाकिस्तान में एकेडमी में और जमीनी स्तर पर काम नहीं करोगे तो कैसे चलेगा. इससे पहले तो सीखना जरूरी है.यह भी पढ़ें:
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जावेद ने कहा कि हर बार बदलाव से पाकिस्तान टीम की यह हालत हुई है. अगर मैनेजमेंट बदला है तो उसने सब कुछ ही बदल दिया. उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर सुधार की जरूरत है. भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की टीम इसीलिए अच्छी है, क्योंकि उन्होंने अपना 150 साल पुराना सिस्टम नहीं छेड़ा. जब पाकिस्तान में सरकार गिरती है, तो बोर्ड गिरता है. सब कुछ बदल जाता है. जब तब आपका बेस नहीं होगा. आप चल नहीं सकते.