श्वेता नाम की महिला खिलाड़ी की दास्तां मुसीबत में हौसले की कहानी है. वर्ष 1984 में देश के लिए मेडल जीत चुकी यह खिलाड़ी एक स्कूल में बच्चों को कोच कर रही थी लेकिन कोरोना काल में उनकी नौकरी चली गई. फिर एक दिन टीवी पर इन्होंने पीएम मोदी का संबोधन देखा, इसने उनकी जिंदगी बदल दी