तिब्बत पॉलिसी को डोनाल्ड ट्रंप ने मंजूरी दे दी है. (फाइल फोटो)
China Rejects America’s Policy On Tibet) तिब्बत में दलाई लामा चुनने (Dalai Lama Policy) की प्रक्रिया में चीनी सरकार की दखलदांजी का कड़ा विरोध करते हुए अमेरिका ने वहां धार्मिक-आजादी (Religios Freedom) के समर्थन में नया कानून पारित किया है. चीन (China) ने तिब्बत (Tibbet) पर बने इस नए अमेरिकी कानून को खारिज कर दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 28, 2020, 6:02 PM IST
राष्ट्रपति ने टीपीएसए एक्ट पर किया साइन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2020 की तिब्बती नीति और समर्थन अधिनियम (US President signs Tibetan Policy and Support Act) पर हस्ताक्षर कर इस अमेरिका की तिब्बत संबंधी नीतियों को अंतिम रूप दिया है. इसके अंतर्गत निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों और तिब्बती सरकार को अमेरिका द्वारा समर्थन किये जाने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया है. इस कानून द्वारा अमेरिका चीन को उसका अपना दलाई लामा चुनने पर रोक लगाएगा. तिब्बत ने इस कानून को बनाने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति धन्यवाद दिया है.
सर्वसम्मति से पारित हुआ बिलइस साल फरवरी में हाउस ऑफ़ रिप्रजेंटेटिव्स ने तिब्बत संबंधी नीतियों को मजबूत बनाने के लिए इस बिल को सर्वसम्मति से पारित किया था. हिमालयन बौद्ध क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने इसे उत्साहजनक और तिब्बत को सशक्त बनाए की दिशा में उठाया गया एक कदम माना है.
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इस बिल में तिब्बत में धार्मिक-अजादी के साथ-साथ लोकतंत्र को मजबूत करने, पर्यावरण सरंक्षण, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बचाने का समर्थन किया गया है. इसमें तिब्बत से एनजीओ आदि को फंडिंग देने पर जोर दिया गया है. नए अमेरिकी कानून में दलाई-लामा समर्थित लोकतांत्रिक सरकार को पूरी तरह से मंजूरी देते हुए तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर चीनी सरकार को बातचीत करने के लिए कहा गया है. ऐसा ना करने पर चीन पर पांबदियां लगाने तक की बात की गई है.