चीन की नई चालबाजी आई सामने. (Pic- Reuters)
India China Dispute: चीन की ओर से दूरस्थ क्षेत्रों से अपने नागरिकों को लाकर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास बसाने के पीछे उसकी रणनीति इस क्षेत्र में अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का हिस्सा है.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 24, 2020, 11:29 PM IST
शीर्ष सूत्रों के अनुसार चीन की ओर से दूरस्थ क्षेत्रों से अपने नागरिकों को लाकर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास बसाने के पीछे उसकी रणनीति इस क्षेत्र में अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का हिस्सा है. एलएसी के साथ दर्जनों एकसमान बस्तियां हैं, उनमें से ज्यादातर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों में आती हैं.
चीन अपने एकीकृत मॉडल के हिस्से इन गांवों को दो तरह से इस्तेमाल करता है. पहला नागरिकों के लिए और दूसरा सेना के लिए. हालांकि कुछ गांव निर्जन बने रहते हैं. उनमें कोई नहीं रहता. ऐसे गांवों का केवल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की अतिरिक्त तैनाती और सैन्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है.
कामेंग के दूसरी ओर बुमद्रो में भी चीनी शेल्टर देखे गए हैं. मेरा ला, थाग ला और यांगत्से क्षेत्र में अपने सैनिकों की गश्ती गतिविधि के दौरान उन्हें रहने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चीन ने डोमसोंगरोंग के पास बुमद्रो में 6 से सात कंक्रीट की झोपड़ी बनाई हैं. चीन ने तिरकांग्टो शिवांग ला से एक सड़क का निर्माण भी किया है. यह काम दक्षिण पश्चिम दिशा में तिरकांग गांव के ऊपरी हिस्से की ओर से किया जा रहा है. तिरकांग गांव में दो मोबाइल टावर भी लगाए गए हैं.
बस्तियों की सैटेलाइट फोटो सार्वजनिक हैं. इन गांवों में निगरानी के लिए टोही टावर भी बनाए गए हैं. कुछ गांवों को तो चीन की ओर से बनाई गई चार लेन की सड़क से जोड़ा गया है. भारत ने एलएसी के पास कुछ स्थानों को खोलने की नीति भी अपनाई है.