एवरेस्ट (Mt Everest) की ऊंचाई की घोषणा के बहाने चीन (China) नेपाल (Nepal) के नजदीक आने की कोशिश में है. (तस्वीर: Pixabay)
चीन (China) और नेपाल (Nepal) ने मिलकर एवरेस्ट (Mt Everest) की नई ऊंचाई की घोषणा की है. दोनों देशों के बीच का यह गठजोड़ भारत (India) के लिए कई संकेत दे रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 10, 2020, 1:38 PM IST
नेपाल चीन संबंध
1954 में भारत के सर्वे ऑफ इंडिया ने एवरेस्ट की ऊंचाई नापी थी. इसके बाद 1960 में नेपाल ने चीन से दोनों देशों के बीच की सीमा के लेकर समझौता किया था. एवरेस्ट के लिहाज से यह अहम था क्योंकि एवरेस्ट नेपाल और चीन की सीमा पर पड़ता है और दुनिया भर के पर्वतारोहियों के पास दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ने के दो रास्ते होते हैं एक नेपाल की ओर से और एक चीन की ओर से.
चीन का नेपाल में दखल?वैसे तो दोनों देशों के बीच कूटनैतिक और राजनैतिक संबंध तब से समान्य ही रहे हैं, लेकिन इसी साल सितंबर में ऐसी रिपोर्ट्स आईं कि चीन नेपाल सीमा पर अतिक्रमण कर रहा है, जिसको लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए. इसी दौरान नेपाल में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मिले और दोनों देशों में समझौता हुआ कि वे मिल एवरेस्ट की नई ऊंचाई की गणना कर उसकी संयुक्त घोषणा करेंगे

चीन (China) का पिछले कुछ सालों में दक्षिण एशिया (South Asia) में दखल बढ़ा है. सांकेतिक फोटो (flickr)
भारत के लिए कितनी चिंता का विषय
नेपाल ने इस गणना को चीन के साथ अपने संबंधों का संकेत बताया तो चीन ने इसे नेपाल के साथ अपने नए रणनीतिक साझेदारी के युग की शुरुआत बताया. यह संयुक्त घोषणा भारत के लिए अनअपेक्षित घटना नहीं थी. चीन काफी पहले ही से नेपाल के साथ अपने संबंधों को लेकर सक्रिय है और नेपाल में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. यही बात भारत के लिए एक चिंता का विषय है.
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चीन की दक्षिण एशिया में नीति
चीन की दक्षिण एशियाई देशों से साझेदारी कर इस इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का जरिया पिछले कुछ सालों से बना रहा है. इसके लिए वह पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश और श्रीलंका में भी अपनी गतिविधियां बढ़ाने की कोशिश कर चुका है.

चीन (China) ने पहले दावा किया था कि एवरेस्ट (Everest) की ऊंचाई कम हो गई है.. (तस्वीर: Pixabay)
भारत से दूरी और चीन से नजदीकी
इस मामले में यह समझना भी जरूरी है कि हाल के कुछ समय में भारत नेपाल संबंधों में वह गर्मजोशी नहीं रही है जो पहले रहा करती थी. यह भी माना जा रहा है कि चीन नेपाल को भारत से नहीं बल्कि अपने करीब लाने की कोशिश कर रहा है. नेपाल में हो रही कई गतिविधियां ऐसे संकेत दे रही हैं कि वहां नेपाल को न केवल भारत से दूर करने की कोशिश हो रही है बल्कि सुनियोजित तरीके से ऐसी कोशिशें हो रही हैं जिससे चीन का नेपाल पर प्रभाव और दखल दोनों ही ज्यादा से ज्यादा रहे.
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फिलहाल एवरेस्ट की ऊंचाई 1954 की गणना से 89 सेमी यानि 2.8 फुट बढ़ गई है. साल 2015 में नेपाल में तेज भूकंप आया था उसके बाद से माना जाने लगा था कि इसके असर के तौर पर एवरेस्ट की ऊंचाई में बदलाव आ सकता है. इसी साल तिब्बत के रास्ते एवरेस्ट पर गए एक चीनी आधिकारिक दल ने एवरेट की ऊंचाई पूर्व निर्धारित ऊंचाई से 4 मीटर कम बताई थी जिसके बाद चीन और नेपाल ने तय किया कि दोनों देश मिलकर तय करेंगे कि एवरेस्ट की ऊंचाई कितनी है. है