केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 136 पृष्ठों की अधिसूचना में कहा कि दोनों आदेशों को ‘केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का संयोजन) दूसरा और तीसरा आदेश 2020’ कहा जाएगा. पिछले वर्ष केंद्र ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की घोषणा की थी. इसके बाद जम्मूऔर कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया.
31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में सामने आए. इससे पहले, जम्मू और कश्मीर में केंद्रीय कानून तब तक लागू नहीं होते थे जब तक कि उन्हें राज्य विधानसभा की मंजूरी नहीं मिलती थी. इसके अलावा राज्य सरकार के कई ऐसे कानून थे जो सिर्फ जम्मू और कश्मीर में ही लागू थे.
जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए ये कानूनकेंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में कहा गया, ‘जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 के 34) की धारा 92 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप केंद्र सरकार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के संदर्भ में निम्नलिखित आदेश जारी करती है.’
जम्मू और कश्मीर में अब जो केंद्रीय कानून प्रभावी हुए हैं उनमें अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2019, भवन औरअन्य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन और सेवा शर्तो का विनियमन) अधिनियम 1996, ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम, 1970, कारखाना अधिनियम, 1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 और औद्योगिक नियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम, 194 शामिल हैं.
इनके अलावा जो अन्य कानून लागू होंगे उनमें मोटर परिवहन कर्मचारी अधिनियम, 1961, फार्मेसी एक्ट 1948, विक्रय संवर्द्धन कर्मचारी (सेवा शर्त) अधिनियम, 1976, पथ विक्रेता (जीविका सुरक्षा और पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम, 2014 और व्यवसाय संघ अधिनियम, 1926 भी शामिल हैं. अधिसूचना में कहा गया कि एक आदेश जारी कर तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य की विधानसभा द्वारा लागू किए गए कुछ कानूनों में नामों और कुछ शब्दों में बदलाव किया गया है.