एडिलेड टेस्ट में भारत ने अपना न्यूनतम स्कोर बनाया है
19 दिसंबर भारतीय टेस्ट क्रिकेट (Indian Cricket Team) के इतिहास में दर्ज हो गया है. इस दिन भारतीय टीम (Team India) ने अपना सर्वोच्च और न्यूनतम स्कोर बनाने का रिकॉर्ड बनाया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 19, 2020, 3:39 PM IST
19 दिसंबर का अनोखा संयोग
चार साल पहले आज के ही दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने चेन्नई टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 7 विकेट खोकर 759 का स्कोर खड़ा किया था. 2016 में खेले गए इस टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया था. इस मैच में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पारी और 75 रनों से मात दी थी.
इसके ठीक चार साल बाद आज यानि 19 दिसंबर 2020 को भारतीय टीम टेस्ट मैचों में अपने न्यूनतम स्कोर 36 रन पर सिमट गई. टीम इंडिया ने जब नौ विकेट पर 36 रन बनाए थे तब मोहम्मद शमी को चोटिल होने के कारण क्रीज छोड़नी पड़ी जिससे पारी वहीं पर समाप्त हो गई. भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था जो उसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में बनाया था.करुण नायर ने जड़ा था तिहरा शतक
चेन्नई टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने मोईन अली की शतक के बदौलत 477 रनों का स्कोर बनाया. इसके बाद भारतीय टीम ने केएल राहुल के 199 रन और करुण नायर के नाबाद तिहरे शतक की बदौलत 759/7 के स्कोर अपनी पारी घोषित की. नायर ने 381 गेंद खेलकर 303 रन बनाए थे.
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया शर्मनाक रिकॉर्ड
भारतीय टीम आज एडिलेड में दूसरी पारी में महज 36 रन ही बना सकी. एडिलेड टेस्ट के दूसरे दिन खेल खत्म होने तक भारतीय बल्लेबाजों ने एक विकेट खोकर नौ रन बनाए थे. तीसरे दिन उम्मीद थी कि टीम इंडिया शानदार प्रदर्शन करेगी लेकिन ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने उनकी एक भी नहीं चली. ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने पांच और पैट कमिंस ने चार विकेट चटकाए.
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बाल-बाल बची टीम इंडिया
एक समय भारत का स्कोर आठ विकेट पर 26 रन था और वह टेस्ट क्रिकेट के न्यूनतम स्कोर (30 रन) की बराबरी करने की स्थिति में दिख रहा था. हालांकि हनुमा विहारी के चौके से टीम इंडिया क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब रिकार्ड की बराबरी करने से बच गयी. वहीं टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ है जब किसी पारी में किसी टीम का कोई भी बल्लेबाज दहाई अंक नहीं छू पाया है. इससे पहले 1924 में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका का कोई भी बल्लेबाज दस रन नहीं बना पाया था.